बहुत ही निराशाजनक दृश्य है हमारे “उत्तर प्रदेश उम्मीदों का प्रदेश “ में आंकड़ों के हिसाब से 43 लाख बाल मजदूर हैं पूरे भारत में जिसमे से 18 लाख सिर्फ उत्तर प्रदेश में। सरकार के सामने यह एक बहुत बड़ी चुनौती है सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि समस्त NGO’s को भी मिलकर समाधान निकालना होगा क्योंकि भारत उस पड़ाव पे है जिसमे अगर ये बच्चों का भविष्य नहीं सुधरा तो ये सरकार और देश के समस्त नागरिकों पपर बहुत बड़ा कलंक और अभिशाप होगा..!!
बाल मजदूरी-“एक अभिशाप” ©® मोहित सिंह
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